ॐ श्री कृतिकामा: रतिसुंदरा ककिला सेंगर वेदांत!!!
बानी हम कुतिया,रंडी,भोसड़ी, वेश्या,बेहया,घमंडी
तोहार गाँड़ आ लाँड़ चाटेला तैयार,तोहार लंडरस, हगल आ मुतसे करिंला प्यार
हमहैँ गाँड़ चटनी,लाँड़ चूसनी,चुम्माकेरानी, आंर ठुसनी
हमर आसन तोहार गोद,हम बाप,भाई आ भातारचोद
अपनी जवानीसे तुझको महकाने अपनी यौवनकी गलियोंमें तुझको बहकाने अपने अदाओंका जलवा दिखाने चुदाईका हर राज़ सिखाने शर्मो हयाकी पर्दे हटाने अपनी रसीली चूत चटाने आईहूँ
चुमले होंठ, चाटले गाल चूसले बूब मसलदे खाल चखले चूत सुंघले गांड चोद दे मुझे बनाके अपनी रांड
हमर मुहमें मुत या हगद हम भोसड़ी वेश्या सब ले लेम कुत्ती बानी हम रंडीज़ादी तोहसे खेलम सब गन्दा गेम
तू बहनचोद बेटीचोद या माधरचोद होख हम तोहसे करवायेम चूतके सेवा हम तोहार बहन बेटी आ महतारी बनके खाएम तोहार लंडके मेवा
भोसड़ी रंडी बेहया कुत्ती जथि मन करे ऊ द गाली बस चोद हमके दिन रात मान आपन बीवी चाहे साली